ज्योतिशीय दृश्टि से चार अबूझ व स्वयंसिद्ध मुहूर्त हैं जिसमें किया गया कोई भी कार्य चिर स्थाई एवं षुभ माना जाता है। चैत्र षुक्ल प्रतिपदा, अक्षय तृतीया, दषहरा तथा दीवाली। अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय न हो। यह तिथि भगवान परषुराम जी का जन्मदिन होने के कारण परषुराम तिथि और चिरंजीवी तिथि भी कहलाती है। त्रेता युगा का आरंभ भी इसी तिथि से माना गया हैं, अतः इसे युगादितिथि भी कहा गया है।
ज्योतिशीय गणना
2015 में , बृश राषि और कृतिका व रोहिणी नक्षत्रों में पड़ने वाली अविनाषी तृतीया ऐसा दिन है जब भारत में सबसे अधिक विवाह होंगे। काफी जोड़े ऐसे षुभ मुहर्त के लिए पिछले साल से प्रतीक्षारत हैं। आज बुध के अलावा सभी ग्रह अपनी सर्वोतम स्थिित में हैं। आज का दिन 191 साल बाद ऐसे संयोग लाया है जब 11.57 तक सर्वार्थ सिद्ध योग के अलावा 12 बजे के बाद रवि योग लग जाएगा।
महत्च
, इस दिन किए गए कार्यों का अक्षय फल मिलता है। परषुराम जी का अवतरण भी इसी दिन हुआ था। ब्रहमा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन माना जाता है। यह एक सर्वसिद्ध मुहूर्त माना जाता है जिस दिन पंचाग देखे बगैर कोई भी मांगलिक षुभ कार्य किया जा सकता है। नए व्यवसाय या नई संस्था की नींव रखी जा सकती है।
क्या क्या करें ?
यह अबूझ मुहूर्त सगाई एवं विवाह के लिए सर्वोत्तम है। इसके अतिरिक्त दीर्घकालीन निवेष जैसे प्लाट, फलैट, स्थाई प्रापर्टी, बीमा पालिसी,षेयर, म्युचल फंड, आभूशण, सोना ,चांदी , वाहन क्रय, नौकरी के लिए आवेदन, नया व्यवसाय आरंभ , मकान की नींव आदि , भवन क्रय के लिए एग्रीमेंट, विदेष यात्रा, नया व्यापार आरंभ आदि के लिए चिरंजीवी दिन है।
षुक्र ग्रह, सुख सुविधा एवं ऐष्वर्य का प्रतीक है। इस दिन गृहपयोगी सामान भी खरीदा जा सकता है। विलासिता , श्रृंगार , भवन के नवीनीकरण से संबंधित वस्तुएं घर में लाना षुभ माना गया है। वाहन का क्रय बिना कोई मुहूर्त देखे अक्षय तृतीया पर किया जा सकता है।
चंद्र राषि अनुसार भविश्यफल एवं उपाय इस बार इस प्रकार होंगे।
1.मेश: चहुंमुखी विकास होगा। विद्युत या इलेक्ट्र्निक उपकरण , भूमि खरीदें। लाल फल.तरबूज या सेब का दान करें। आज किसी प्रकार का ऋण न लें ।
2.बृश: अक्षय तृतीया आपकी राषि में आई है। सुख साधन बढ़ेंगे। मकान वाहन का क्रय षुक्रवार को अत्यंत षुभ रहेगा। दूध दही,आइसक्रीम , लस्सी सफेद वस्तुओं का दान करें।
3.मिथुनः परिवार में सदस्यों की वृद्धि, संतान प्राप्ति संभावित । हरी सब्जी या हरे फल मिठाई दान करें। कोई धार्मिक पुस्तक खरीदें या ज्योतिश का कोर्स जवाएन करें।
4.कर्कः प्रोमोषन के संकेत हैं। ठंडाई, सफेद कोल्ड ड्र्ंिक पिलाएं । चांदी या चांदी के बर्तन, फ्रिज , वाटर प्योरिफायर या वाटर कूलर खरीदें ।
5.सिंहः अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी जी से वांछित कार्य पूर्ति का आषीश मांगें। सामाजिक स्तर बढ़ेगा। सोने के आभूशण या गोल्ड क्वाएन खरीदना धन वृद्धि करेगा। नारंगी ,किन्नू,संतरे,पपीते,खरबूजे आदि धर्मस्थाान पर दान करें।
6.कन्याः पूजा ,प्रमोषन व इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण देगी यह तृतीया। नया मोबाइल, ब्राॅड बैंड कनेक्षन, टीवी तथा संचार संबंधी उपकरण खरीदें। अक्षय तृतीया पर क्रेडिट कार्ड या ऋण लेकर कुछ न खरीदें । किसी प्रियजन को मोबाइल भेंट करें या जरुरतमंद को दान करें।
7.तुलाः आपकी राषि के स्वामी षुक्र प्रसन्न हैं आखातीज पर । हर तरफ से धन धान्य की प्राप्ति। इस अवसर पर चांदी,वाहन, डायमंड खरीदें और वर्शांत तक मालामाल हो जाएं। गरीब विद्यार्थियों को सफेद वस्त्र या कमीजें दान करें।
8.बृष्चिकः रुका धन आने की संभावना। कोर्ट केस में विजय। डाक्टर के पास न जाएं। इलैक्ट््रानिक आयटम इस अविनाषी मुहूर्त में खरीदें। पत्नी को आभूशण उपहार देने से परिवार में सुख षांति बढ़ेगी । लाल षीतल पेय का दान करें।
9.धनुः षिक्षा क्षेत्र,कंपीटीषन आदि में सफलता। लक्ष्मी जी का सोने का सिक्का या मूर्ति सामथ्र्यानुसार खरीद कर पूजा स्थान पर स्कापित करें। महालक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। पंचमेवा सहित मीठे पीले चावल स्वयं बनाकर 9 निर्धन मजदूरों को तृतीया समाप्ति से पहले खिलाएं।
10.मकरः अभिभावकों का आर्षीवाद बना रहेगा। उनकी प्रापर्टी से कुछ प्राप्त होगा। यदि वाहन या गृहपयोगी बर्तन या बिजली के यंत्र खरीदना चाहें तो काले रंग के लें। बैंगन की सब्जी या बैंगन किसी धर्मस्थान या लंगर में दान करें।
11. कुंभः अक्षय तृतीया पर उधार न दें । वाहन काले ,नीले या ग्रे कलर का लें। गरीबों में काले गुलाब जामुन या काला षीतल पेय बांटिये अक्षय तृतीया पर।
12.मीनः वाहन सुख । पूर्वनिर्मित मकान या फलैट की प्राप्ति। प्रापर्टी का ब्याना देना या बुकिंग दीर्घकालीन निवेष के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त। किसी माता के मंदिर में सोने का या गोल्ड प्लेटिड या चांदी का मुकुट या छत्र दान कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर कैसे करें पूजा ?
दीवाली की तरह इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा का विषेश महत्व है। आर्थिक सुख समृद्धि एवं धन की आवष्यकता आज मजदूर से लेकर मंत्री तक सब को है। यदि आप इस दिन लक्ष्मी जी का पूजन करना चाहें तो इस अवधि में बहुत ही साधारण विधि से कर सकते हैं। महिलाएं परिवार की सुख समृद्धि व धनागमन हेतु व्रत रख सकती हैं।इस दिन लक्ष्मी जी की आराधना का सर्वाधिक महत्व है । प्रातः स्नान करके पुरुश सफेद तथा महिलाएं लाल वस्त्र पहन कर ,लक्ष्मी जी के चित्र या मूर्ति के आगे बैठ कर इन मंत्रों में से किसी एक या सभी की एक एक माला कर सकते हैं। कमल गटटे या स्फटिक की ही माला का प्रयोग करें।
सामग्रीः थाली ,हकीक- 9,गोमती चक्र-9 ,लग्न मंडप सुपारी-9,लघु नारियल-9 ,गुलाब या कमल के फूल-3,चावल- सवा किलो ,लाल या सफेद कपड़ा- सवा मीटर, मोतीषंख, ,भोज पत्र, या ,चांदी पर खुदा हुआ अक्षय यंत्र,रौली ,मौली,स्फटिक की माला,दक्षिणा,वस्त्र,
आर्थिक उन्नति तथा अन्य समस्याओं के लिये अक्षय तृतीया पर यह उपाय करें।
विधि: प्रातः काल स्नान आदि करके पूजा स्थान पर कंबल या दरी बिछा का पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठें ।थाली में रोली से अश्ट दल बना के मोतीषंख मध्य में रखें। यह मंत्र 11 या 108 बार पढ़ते हुए
ओम श्रीं ही्ं दारिद्रये विनाषिनये धन धान्य समृद्धि देही देही नमः ।। सवा किलो साबुत चावल षंख पर चढ़ाते जाएं। कुछ चावलषंख में भरें, लाल कपड़े में बांधें।षेश चावल की खीर बना के बांट दें।षंख को तिजोरी या पूजा स्थान पर रखें।
अक्षय यंत्र, चांदी के पत्र या साफ कागज या भोज पत्र पर ऐसे बना लें
13
6 -10 -7- 4
9 3-8
विधिः सवा मीटर लाल या सफेद कपड़ा लें।फोल्ड करके बिछा लें। 108 बार मंत्र पढ़ते हुए अक्षत डालते जाएं।उपरोक्त सामग्री एक एक करके इस कपड़े पर रखें। .तांबे/ चांदी पर खुदा यह यन्त्र भी रखें।मन्त्र समाप्ति पर यन्त्र निकाल के बाहर रख लें । .कपड़े में सारी सामग्री बांध के 3 गांठें लगाएं। तीन बार सिर से घुमाएं।इसे दक्षिणा एवं वस्त्र सहित किसी मंदिर में दे दें। अथवा केवल गठड़ी प्रवाहित कर दें और वस्त्र व दक्षिणा किसी जरुरतमंद को दे दें .यन्त्र को प्रवेष द्वार पर लगाएं या घर के पूजा स्थान पर रखें।
प्रार्थना करंे: विवाह षीघ्र हो, आर्थिक समस्या दूर हो। असाध्य रोग दूर हो।ऋण मुक्ति जल्दी हो।सुख समृद्धि हो।गृह क्लेष समाप्त हो।
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