कुमार गिरीश,आयुर्वेदिक शौधाचार्या : यह उपचार अत्यंत ही कारगर एवं प्राचीन समय की चिकित्सा पद्धति के आधार पर है.
१.१०० ग्राम आंवला पाउडर और १०० ग्राम घर मे पिसा हल्दी पाउडर आपस में मिलाकर रख लें और सुबह सुबह खाली पेट एक चम्मच सादे पानी से लें। इससे शुगर कन्ट्रोल में रहती है।
२.बबूल की गोंद का चूर्ण पानी या गाय के दूध से ३-३ ग्राम दिन मे तीन बार लें।
३.१० बेल के पत्ते पानी के साथ सिल पर पीस लें और पियें।
४.जामुन का बीज और गुडमार बूटी का चूर्ण समान वजन में लेकर ५ ग्राम दिन में दो बार लें।
५.तिल के तेल को खाने में उपयोग अधिक रखें
६.गू्लर का पका हुआ फल पेड से तोडकर खायें उपर से पानी पी लें।
७ . असगन्ध,विधारा,डाक के फूल,सफेद ईलायची ६-६ ग्राम,शीतलचीनी,वंशलोचन,सतगिलो
ये मधुमेह की महाऔषधि है इससे हर प्रकार के मधुमेह मे उत्त्म लाभ होता है। जिससे हर प्रकार का मधुमेह निशचित ही जड से मिट जाता है. एक यह द्वितीय प्रयोग भी बेहद उपयोगी है
गौ मूत्र वटी
घटक
1) आवला। 100 ग्राम
2) हल्दी 100 ग्राम
3) मेथी 100 ग्राम
4) गुड़मार 50 ग्राम
5) जामुन बीज। 50 ग्राम
6) करेला। 50 ग्राम
7) कद चिरायता। 50 ग्राम
8) गौ मूत्र। 8 लीटर
विधि
सभी घटक बारीक कूट पीसकर कपड़छन कर गौ मूत्र के साथ कढ़ाई में डालकर मन्दाग्नि में औटाकर गाढ़ा बनने दे। फिर अपने आप ठण्ड होने पर 1/2-1/2 ग्राम की गोलिया बनाये।
नमी से बचाने के लिए गोबर की राख तथा शुद्ध गैरिक को अनुमान से मिलाकर उसमे गोलियों को लिपटकर प्लास्टिक की डिब्बी में रख देना चाहिए।
आप का स्वास्थ्य रक्षक सखा – Health Care Friend