कुमार ગિરીશ સાહૂ, आयुर्वेदिक शौधाचार्या : आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार विरुद्ध आहार विहार के कारण अपक्व रस या आम (भोजन का सड़ना) बनता है, जो गैस का कारण बनता है।
आयुर्वेद में जठराग्नि को प्रधान अग्नि माना गया है। अतः उन कारणो का त्याग करें जिनसे जठराग्नि में विकृति या विषमता आती है। सही समय पर, सही भोज्य पदार्थों को ही ग्रहण करें ।
काला नमक, जीरा, सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली, अजवायन आदि औषधियाँ अग्नि को ठीक करने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त वैद्य की सलाह से हिंगवासटक चूर्ण, अभयारिस्ट, शंख भस्म, महाशंख वटी आदि औषधियों का प्रयोग भी गैस की समस्या में किया जा सकता है। इन औषधि द्रव्यों को अनुलोमक या वातानुलोमक कहा जाता है।
घरेलू उपचार1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर [सौंठ] लें और उसमें एक चुटी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कप गरम पानी में डाल कर पीएं। गैस के कारण सिर दर्द होने पर चाय में पिसी कालीमिर्च डालें। वही चाय पीने से लाभ मिलता है। कुछ ताजा अदरक स्लाइस की हुई नींबू के रस में भिगो कर भोजन के बाद चूसने से राहत मिलेगी। पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानो को 1/2 चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं। भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाए तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए। वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर खाना चाहिए। अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें। अदरक के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें। गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।
घरेलू औषधि : — सेंधा नमक १५० ग्राम + अकरकरा २५ ग्राम + सोंठ २५ ग्राम + छोटी पीपर २५ ग्राम + काली मिर्च २५ ग्राम + सफेद जीरा २५ ग्राम + शोधित गंधक २५ ग्राम + काला जीरा २५ ग्राम + शुद्ध हींग ढाई ग्राम + रस सिन्दूर छह ग्राम + नींबू का सत्व(टाटरी) सौ ग्राम; इन सब पदार्थों को लेकर मजबूत हाथों से घुटाई करा के मिश्रित कर लें। इस में से दो चुटकी भर मात्रा दिन में चार बार सेवन करें और पानी दस मिनट बाद ही पिएं। आपकी गैस की समस्या समाप्त होने के साथ ही आप स्फूर्ति भी महसूस किया करेंगें ।
बाजार की औषधियां
1). सुबह शाम खली पेट पुनर्नवा मण्डूर 2 गोली रामदेव जी 6 माह + ताप्यादि लौह न 1 वैद्यनाथ 1 गोली 40 दिन।
भोजन के1 घण्टे पहले
पुनर्नवासव 10 मिली 2 माह
2). भोजन के बाद दोपहर रात
चीत्रकादि वटि 1 रामदेव जी 1 माह
कुमारी आसव 10 मिली 3 माह
3). रात ताँबे के लौटे में पानी रखिये, रामदेव जी की 1 शोधित हरड़ उसमे डालिये।
सुबह उठकर हैरड चबाकर खाना और पानी पीना।
तीसरे दिन से भूख खुलने लगेगी। भूख लगने पर तुरंत भोजन करना। बिना भूख के भोजन न करिय।
लौकी परवल पालक बरबटी रसीली सब्जी, तोरई आदि ही खाये। तली , मसालेदार चीज न खाए।
एक पाचक चूर्ण बनाए,5 ग्राम चूर्ण दिन में 3 बार ले।सभी चीज रामदेव जी के यहाँ मिलेगी
पंचकोल चूर्ण 50 ग्राम ,इसमे हरीतकी चूर्ण 2 बड़े चमच, लवणभास्कर चूर्ण 1 बड़ा चमच मिलाई।
ये चूर्ण दिन में 3 बार कभी भी लीजिये।
(औषधियां जहां से सुलभ हो वही से सकते है पतंजलि स्टोर (रामदेव जी) आदि इस लिए लिखा गया है कि आप को औषधि मिलने में कठिनाई नहीं हो)
वज्रासन : खाने के बाद घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें।
गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।
आप का!!