तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम में अंतरराष्ट्रीय नौसेना बेड़े का निरीक्षण किया। 50 से ज्यादा देशों की नौसेनाओं के साथ भारतीय नौसेना ने कौशल का परिचय दिया
बंगाल की खाड़ी में आज से अब तक के सबसे बड़े इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू की औपचारिक शुरुआत हुई। 8 फरवरी तक चलने वाले इस इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में 24 अंतराष्टीय युद्धपोत शामिल हुये, लेकिन सबकी नजर भारत की नौसैनिक ताकत पर है। इस इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू के जरिए भारत समुद्र के जरिए सभी देशों को जोडऩे का संदेश देना चाहता है।
विशाखापत्तनम का राम कृष्ण बीच एेतिहासिक इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का गवाह बना। इससे पहले, इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू भी शामिल हुए।
हिंद महासागर में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू के दौरान 50 से ज्यादा मुल्कों की नौसेना का जमावड़ा है। साथ ही 21 देशों के नौसेना प्रमुख भी शामिल हो रहे हैं। यही नहीं 24 विदेशी युद्ध पोत भी यहां लाए गए हैं।
बता दें कि इस आयोजन में 75 भारतीय नौसैनिक पोत भी हिस्सा ले रही हैं। इस आयोजन में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जापान समेत कई देश शामिल हैं।
भारत ने सबसे पहले 2001 में मुंबई में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का आयोजन किया था। देश में अब तक के सबसे बड़े सैन्य आयोजन के लिए नौसेना ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पूरे विशाखापत्तनम में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है। यहां 10 हजार पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
इसके अलावा राज्य की विशेष एंटी टेरर फोर्स ऑक्टोपस के 350 से ज्यादा कमांडो यहां लगाए गए हैं। साथ ही नौसेना के स्पेशल मरीन कमांडो मार्कोज़ भी तैनात किए गए हैं।
इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय धऱती पर अलग-अलग देशों से आई नौसेना शांति, सद्भभावना और सहयोग को बढ़ावा देने का संदेश देती है। अतरराष्ट्रीय स्तर पर आज नई और गैर पारंपरिक सामुद्रिक चुनौतियाँ विश्व के सामने हैं ..इनका मुकबला करने के लिए राष्ट्रपति ने विश्व के देशों से अपनी नौसेनाओं के ज़रिए अपनी कोशिशों को तेज करने की आवश्कता पर जोर दिया।