देश के प्राइमरी स्कूलों की दशा और दिशा सुधारने और छात्रों की सीखने की क्षमता में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम पहल की है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में समुदाय और निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के मकसद से सरकार ने विद्यांजलि नाम के स्वैच्छिक कार्यक्रम की शुरुआत की है। बच्चों में पढ़ने, लिखने, बोलने, सृजनात्मक लेखन और अभिनय क्षमता को बढ़ावा देना इस कार्यक्रम का मकसद है।
प्रवासी भारतीय, सेवानिवृत्त शिक्षक, सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, सेना से सेवानिवृत्त हुए लोग, पेशेवर और गृहणियां भी विद्यांजलि कार्यक्रम में वॉलंटियर बन सकती हैं। स्कूलों में अपनी सेवाएं देने को इच्छुक नागरिक mygov पोर्टल या mygov मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं। सरकार को उम्मीद है कि विद्यांजलि कार्यक्रम के जरिए स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर विद्यांजलि कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ, कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों में अपनी सेवाएं दे भी चुके हैं। फिलहाल 21 राज्यों के करीब 2200 सरकारी स्कूल विद्यांजलि कार्यक्रम से जुड़े हैं। सरकार की कोशिश इस साल के अंत तक देश के सभी सरकारी स्कूलों को इस कार्यक्रम से जोड़ने की है।