देहरादून ; मंगलवार से चल रहे दलितों को मंदिर में प्रवेश ना दिए जाने का सच – दौलत कुंवर का पर्दाफाश।
गांव के ही दलितों ने दौलत कुंवर पर ईसाई संस्थाओं के लिए काम करने का आरोप लगाया और बताया की कुंवर लगभग हर दलित परिवार को धन का लालच दे रहा है और ईसाई धर्म में मतांतरित होने को दबाव बना रहा है। कल जिस दौलत कुंवर में लोग मसीहा ढूंढ रहे थे उसका मसीहा ईसाई मिशनरी निकले। पूरा ग्राम समाज आज दौलत कुंवर पर सस्ती और घटिया राजनीती करने का आरोप लगा रहा है और कुंवर जैसे नेता को जौनसार में ना आने देने पर अडिग है।कुंवर का एक मात्र मकसद जातिवाद का जहर घोल जौनसार क्षेत्र में वैमनस्य फैलाना है और जाति के नाम पर अपनी राजनीती को चमकना है।ऐसे लोगो को समाज कदापि बर्दाश्त नही करेगा।
कथाकथित दलित नेता दौलत कुंवर का चेहरा आज बजरंग दल ने बेनकाब कर दिया और उसकी घिनोनी राजनीती आज सबके सामने है। देहरादून के जौनसार जनजाति क्षेत्र के साहिया से 36 किलोमीटर दूर गबेला गांव से शुरू हुआ नौटंकी का दौर तब समाप्त हो गया जब भाई सतपाल धानिया जी के नेत्रेत्व में पहुंचे आठ दलित कार्यकर्ताओ के दल को पूरे ग्राम समाज ने प्राचीन कुकुर्सी मंदिर में दर्शन कराये। किसी भी कार्यकर्ता से ना तो उसकी जाति पूछी गयी और ना ही उसका धर्म। दल के साथ गयी वाल्मीकि समाज की बहनों के हाथ से ही आरती करवायी गयी और हरिजन समाज की बहनों के हाथ से पूरे ग्राम में प्रसाद वितरण हुआ। प्रातः 8 बजे की आरती के पश्चात ग्राम समाज के लोगो ने दल को नाश्ता करवाया और ग्राम अतिथि की तरह सम्मान दिया।
ऐसे ढोंगियों की इस समाज को क्या आवश्यकता जो धर्म और जाति के नाम पर हिन्दू धर्म का विनाश करने में जुटे हो। धर्म की रक्षा करने के लिए ऐसे लोगो का बजरंग दल सड़कों पर उतर विरोध करेगा ताकि इनका असली चेहरा सामने आ सके।