संदीप खटीक कानपुर : आज सभी भारतीय नागरिको के मन में एक प्रश्न उठ रहा है की पिछले दिनों जो कुछ भी जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली में कुछ छात्र संगठनो ने किया उसे भारत की कुछ राजनितिक दल समर्थन क्यों कर रहे हैं हर नागरिक इसे दुर्भाग्यवश समझ रहा हे की राजनीतिक दल किसी न किसी तरीके से अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण उन बच्चों का समर्थन कर रहे हैं जिन लोगों ने भारत विरोधी नारे लगाए और अफजल गुरु को शहीद बताया और भारत की बर्बादी की कामना करी , मात्र भाजपा ही एक ऐसी पार्टी हे जिंसने इस घटना का पुरे जोर से विरोध किया
अब प्रश्न यह उठता है कि क्या कोई भी राष्ट्र के प्रति गलत भावना रखें और और राष्ट्र का अपमान करें उन लोगो को इन बड़ी राजनितिक पार्टियों का समर्थन क्यों मिल रहा हे यह एक चिंता का विषय हे और हर भारतवाशी को इस पर गहन विचार करना होगा
अभी कुछ ही दिन पहले विराट कोहली की एक पाकिस्तानी प्रशंसक ने जब विराट कोहली के अच्छे खेलने के ऊपर अपने घर पर भारतीय झंडा लहरा दिया था तो पाकिस्तान सरकार ने उसको बहुत सख्त सजा दी थी पर वहां किसी भी राजनितिक दल ने इसका विरोध नहीं किया था इससे लगता हे की पाकिस्तानी अपने देश से बहुत प्रेम करते हैं
आज भारत के सभी नागरिक सब कुछ जानते हुए भी एकजुट नहीं है बहुत से युवक इससे बहुत खफा भी हैं परन्तु उनकी राजनितिक पार्टी उन्हें इज्जाजत नहीं देती की वह इस घटना का विरोध करैं मात्र अखिल भारतीय परिषद्की एवं भाजपा के कार्यकर्त्ता ही इस घटना का खुल कर विरोध कर रहे हैं , कुछ देश प्रेमी जो किसी पार्टी से सम्बंधित नहीं हे वह इसका विरोध कर चुके हैं
अब भारत के नागरिक सोचने पर मजबूर हो गए हैं की अगर अब भारत विरोधी गतिविधियों को विराम नहीं लगाया गया तो देश के लिए यह बहुत गलत होगा ऐसा नहीं है कि भारत विरोधी नारे आज पहली बार है जम्मू एवं कश्मीर में यह प्राय देखा गया है कि श्रीनगर में अधिकतर भारत विरोधी नारे लगते हैं एवं भारतीय सेना को वहां के निवासी बहुत जलील करते हैं और हमारे सेना उनका जवाब देने में सक्षम भी होती है परंतु किसी ना किसी कारणवश वह कुछ नहीं करटती
क्या यह शर्म की बात नहीं है अब प्रश्न उठता है कि यह सब देश की राजधानी दिल्ली में हुआ और इतना सब हो जाने के बाद भी हमारी राजनीतिक पार्टियां सब अपना उल्लू सीधा करने में लगी है कुछ बड़े बड़े नेता उन देश द्रोहियों का समर्थन करते हुए कह रहे हैं की यह स्वतंत्रता का अधिकार है अब सोचने की बात हे ये केसी स्वतंत्रता चाहे कोई देशद्रोह करें, चाहे वह देश को जितनी मर्जी गाली दे,
मेरे भाइयो क्या यही स्वतंत्रता है कभी हमने सोचा था की दिली में ऐसे नारे लगेगे “भारत की बर्बादी तक जंग जारी रहेगी” आज इस घटना को देख हमारे देश के शहीद – भगत सिंह, राजगुरु, चंद्रशेखर, सुखदेव, करतार सिंह सभा एवं उधम सिंह जेसे नौजवानो ने अपनी जान देकर भारत को आजाद करवाया आज उनकी आत्मा कितनी पीड़ित हो रही होगी
आज का युवा केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपने देश को ही गालियां दे रही हो शायद अगर किसी राजनीतिक दल को यह गाली देते हो इतना दुःख न होता परंतु राष्ट्र के प्रति इनका इस तरीके से बोलना एक ही संकेतिक है कुछ ना कुछ जरूर है जो इतना खुल कर विरोध कर रहे हैं चाहे वह किसी विदेशी ताकतों का साथ हो या फिर हमारे अंदर की राजनैतिक दल, मात्र भाजपा को नीचा दिखाने के लिए इनसे यह खेल खिलाते हैं
हमने बहुत सुना था कुछ गद्दार लोगो ने मुगलों की मदद करके उन्हें बहरत में लूट करने दी एवं ब्रिटिश कमपनी के साथ मिल कर देश के साथ गडारी करी हम यह देख नहीं पाए थे परन्तु अब सब देख सकते हैं की किस् प्रकार कुछ राजनीतिक दल देश द्रोहियों का साथ दे रहे हैं और लोगो को यह सोचने पर मजबूर कर रहे हैं की भाजपा हे एक रास्ट्रवादी राजनितिक दल हे
JNU का मतलब ही जिहादी नक्सली यूनिवर्सिटी है तो वहां जिहादी और नकसली ही पैदा होंगे