By Dharampal : कहावत है कि प्रतिभा को पंख तभी मिलते हैं, जब उसका परिवार उसे सपोर्ट करे। बहुत कुछ यह कहावत दिल्ली की कुड़ी मेघा वर्मा पर भी चरितार्थ हो रहा है, जो महज दो साल के संघर्ष के बाद आज बॉलीवुड की तीन-तीन फिल्मों में काम कर रही हैं। मेघा की पहली फिल्म तो इसी साल सितंबर में रिलीज होने जा रही है, जबकि दो फिल्मों की शूटिंग तेजी से चल रही है। पेश है, मेघा वर्मा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश :-
आप शुरू से ही एक्टिंग में आने का सपना देख रही थीं?
यह तो ठीक-ठीक नहीं कह सकती, लेकिन एक्टिंग का शौक जरूर बचपन से ही था। परिवार में हालांकि ऐसा कोई माहौल या बैकग्राउंड नहीं था, लेकिन जब मेरे परिजनों को मेरे शौक का पता चला, तो उन्हें हमेशा मुझे अपने शौक को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उन्हीं के हौसले से आज एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव हूं। हालांकि, परिवार की ओर से यह हिदायत जरूर दी गई थी कि कोई ऐसा काम न करूं, जिससे परिवार की मर्यादा पर आंच आए।
एक्टिंग की गाड़ी किस तरह पटरी पर आई?
फरीदाबाद (हरियाणा) से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने कॉलेज की शिक्षा दिल्ली के शाहदरा से कंप्लीट की। उसके बाद दिल्ली स्थित बालाजी एक्टिंग स्कूल में अभिनय का ऑडिशन दिया और सेलेक्ट हुई। उसके बाद मुझे बालाजी टेलीफिल्म्स के सुपरहिट शो च्पवित्र रिश्ताज् में गेस्ट अपीयरेंस वाला रोल मिला और इस तरह मेरा आगमन मुंबई हो गया। उसके बाद कुछ प्रिंट ऐड किया, जबकि च्न्यू ईयर पार्टीज् नामक फिल्म में काम मिल गया। फिल्में ही मेरी मंजिल थी, लेकिन मेरी पहली फिल्म पूरी नहीं हो पाई। मेरा संघर्ष शुरू होता, उससे पहले ही मुझे च्ओके में धोखेज् नामक फिल्म मिल गई, जो इसी साल सितंबर में रिलीज भी होने वाली है।
च्ओके में धोखेज् किस तरह की फिल्म है?
च्ओके में धोखेज् म्याऊ म्यूजिक कंपनी के बैनर तले बन रही एक एडल्ट रोमांटिक फिल्म है। इस बैनर की यह पहली फिल्म है। इसका संगीतमय मुहूर्त २३ फरवरी को मुंबई के अंधेरी (पश्चिम) स्थित जिप ट्रैक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हुआ, जबकि मार्च में शूटिंग शुरू हो गई। फिल्म को महज छह माह में कंप्लीट करने की योजना है, जो लगभग समाप्ति पर है। फिल्म के कथाकार एवं निर्देशक उत्पल एस. चैधरी, पटकथाकार अहमद सिद्दीकी और छायाकार बिशन यादव हैं। फिल्म तीन लड़कियों की कहानी है कि किस तरह फिल्म इंडस्ट्री में लड़कियों का दैहिक और मानसिक शोषण होता है।
च्ओके में धोखेज् में आपका क्या किरदार है?
मैंने बताया कि यह फिल्म तीन सगी बहनों-ईना, मीना और डीका की कहानी है। इसमें मेरा किरदार डीका नामक युवती का है। तीनों बहनें बांग्लादेश की हैं, जिसमें से सबसे बड़ी बहन ईना बॉलीवुड में करियर बनाने मुंबई पहुंचती हैं। उसके बाद अन्य दोनों बहनें भी वहां पहुंच जाती है। लेकिन वहां इन्हें आसानी से कोई काम नहीं मिलता, बल्कि कदम-कदम पर उन्हें सौदेबाजी करनी पड़ती है। हर कोई उनका शोषण करना चाहता है। आखिर, तीनों बहनें षोशण के जाल से बच पाती हैं या नहीं… यही इसका क्लाइमेक्स है।
च्एग्रीमेंटज् नामक भी तो कोई फिल्म कर रही हैं?
हां, यह भी काफी हद तक च्ओके में धोखेज् जैसी ही फिल्म है। इसकी कहानी भी तीन लड़कियों के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन तीनों सहेलियां हैं और काफी गरीब परिवार से हैं। इनमें से एक लड़की का किरदार मैं निभा रही हूं। इन लड़कियों की गरीबी का आलम यह है कि पैसों की कमी के कारण वह कॉलेज की अपनी फीस भी नहीं भर पाती हैं। ऐसे में पैसों के लिए वे बिना पढ़े ही एक एग्रीमेंट साइन कर लेती हैं, जिसके बाद उन्हें पता चलता है कि वह तो शोषण के जाल में फंस गई हैं, जिनसे निकलने का उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आता। क्या होता है अंत में, यह तो फिल्म देखने के बाद ही आपको पता चलेगा। वैसे, इसके अलावा एक अन्य फिल्म च्सॉरी हसबैंडज् भी कर रही हूं।
च्सॉरी हसबैंडज् के बारे में भी कुछ बताएं?
च्सॉरी हसबैंडज् एक रोमांटिक-थ्रिलर फिल्म है। इसमें मैं एक ऐसी युवती का किरदार प्ले कर रही हूं, जो अपने मामा के घर पर रहती है, लेकिन जवान होते ही उस लड़की को उसका मामा एक गुंडे को सौंप देता है। वह गुंडा उसकी अस्मत लूटना चाहता है, तो वह उसका मर्डर कर शहर भाग जाती है। शहर में उसकी मुलाकात एक आदमी से होती है, जो उसे काम के लिए एक अमीर शख्स से मिलवाता है। बाद में दोनों प्यार करने लगते हैं, लेकिन अमीर व्यक्ति उसकी शारीरिक भूख को शांत नहीं कर पाता है, ऐसे में वह युवती उसके एक कर्मचारी के प्यार में पड़ जाती है। यह बात उस अमीर शख्स से सहन नहीं होती है और वह उसका रेप करना चाहता है। इस पर वह उसका भी मर्डर कर देती है। आगे कहानी में जबरदस्त मोड़ आता है। इसके अलावा हाल ही में एक और फिल्म साइन की है, जबकि कुछ फिल्मों की बात चल रही है।
तीनों फिल्मों में आपका किरदार बेहद बोल्ड नजर आता है। तो क्या आपको ऐसी फिल्में और ऐसे किरदार करने में हिचक नहीं होती है?
हां, यह सच है कि इन फिल्मों में मेरे किरदार बेहद बोल्ड हैं और इनमें कई इंटीमेट सींस भी हैं, लेकिन वह सारे सीन कहानी के अहम हिस्से हैं। चूंकि हम ग्लैमर वर्ल्ड का हिस्सा हैं और खुद को प्रोफेशनल कलाकार मानते हैं, ऐसे में मुझे ऐसे किरदार को निभाने में कोई आपत्ति नहीं है। यही वजह है कि फिल्म चयन के मामले में मैंने अपने लिए कोई सीमा-रेखा नहीं खींची है। एक कलाकार के तौर पर मैं हर तरह के रोल करना चाहती हूं, क्योंकि मैं एक्टिंग करना चाहती हूं, चाहे किरदार कैसा भी क्यों न हो।
रोमांटिक फिल्में-किरदार करने की इच्छा नहीं होती?
बिल्कुल इच्छा होती है। सच कहूं, तो मुझे महेश भट्ट की फिल्मों में काम करने की बड़ी इच्छा है। इसके अलावा रितेश देशमुख मेरे फेवरिट हीरो हैं और मैं उनके अपोजिट स्क्रीन शेयर करना चाहती हूं। इसके अलाव मेरी इच्छा पर्दे पर बहादुर लड़की का किरदार निभाने की भी है, जैसा कि च्मर्दानीज् में रानी मुखर्जी ने निभाया है। देखने हैं, मेरा सपना कब साकार होता है।