धर्म पाल, चंडीगढ़ : मुकाम बनाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम उठाना होगा : एमी जैक्सन
वर्ष 2010 में तमिल फिल्म ‘मद्रासपट्टिनम’ करने के बाद फिल्म ‘एक दीवाना था’ के जरिये बॉलीवुड में कदम रखने वाली एमी जैक्सन की पहली ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। स्वाभाविक तौर पर इसके बाद उन्हें बॉलीवुड में दमदार ऑफर्स नहीं मिले और वह दुबारा साउथ की ओर लौट गईं। लेकिन, एक बार फिर वह हिंदी फिल्मों में अपना करिअर बनाने के लिए उत्सुक हैं। पेश है, एमी जैक्सन से हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
पहली फिल्म की नाकामी के बारे में क्या कहेंगी?
सबसे पहले तो यह कहूंगी कि बॉलीवुड मेरे लिए बिल्कुल नई जगह थी, जहां मुझे गाइड करने वाला कोई नहीं था। ऐसे में मुझे जब ‘एक दीवाना था’ के जरिये बॉलीवुड में प्रवेश करने का मौका मिला, तो कुछ भी सोचे बगैर मैंने उसे स्वीकार कर लिया। लेकिन, मेरी शुरुआत अच्छी नहीं रही। हालांकि, मुझे फिल्म की कहानी और अपना किरदार पसंद था, लेकिन फिल्म के पिट जाने से बहुत दुख हुआ।
नाकामी से क्या सबक सीखा?
यही कि अगर बॉलीवुड में मुकाम बनाना है, तो फूंक-फूंक कर कदम उठाना होगा। बहुत सोच-विचार के बाद ही किसी फिल्म को साइन करना होगा। पहली फिल्म के दौरान जो गलतियां मुझसे हुईं, उसे दोहराना नहीं है। बैनर, डायरेक्टर और अन्य चीजों पर बारीकी से नजर रखनी होगी। वैसे, सच बात तो यह है कि ‘एक दीवाना था’ के वक्त मैं हिंदी फिल्मों के लिए तैयार भी नहीं थी। नई जगह, नई भाषा और नई संस्कृति से मैं ठीक तरीके से परिचित भी नहीं थी, लेकिन चूंकि मुझे ऐसा लगा कि इससे बेहतर लांचिंग नहीं मिल सकती, इसलिए उसमें काम करने के लिए राजी हो गई।
इसी वजह से दूसरी फिल्म के रूप में आपने ‘सिंह इज ब्लिंग’ का चयन किया?
बिल्कुल और मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि बॉलीवुड में दूसरी ही फिल्म में मुझे अक्षय कुमार जैसे एक्टर के साथ स्क्रीन शेयर करने का अवसर मिल गया। इतना ही नहीं, इस फिल्म के डायरेक्टर भी प्रभुदेवा हैं। वैसे, अक्षय कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह हमेशा से अपने साथ किसी न किसी नए चेहरे को लाना पसंद करते हैं। इस मामले में खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि उन्होंने अपनी हीरोइन के तौर पर मेरा सेलेक्शन किया। आपको बता दूं कि ‘सिंह इज ब्लिंग’ अक्षय कुमार की एक सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म है। यह अक्षय कुमार एवं अश्विनी यार्दी की कंपनी ‘ग्रेजिंग गोट पिक्चर्स’ के बैनर तले बन रही है। फिल्म 2 अक्टूबर को रिलीज होगी।
क्या आपको यह पता नहीं था कि पहले यह फिल्म कृति सेनन करने वाली थीं?
बिल्कुल पता था, लेकिन आज वह बात मायने नहीं रखती। आज इस बात की अहमियत है कि ‘सिंह इज ब्लिंग’ की हीरोइन मैं हूं। जहां तक मुझे पता है कि कृति द्वारा इस फिल्म को छोडऩे की वजह इसकी कहानी या किरदार नहीं, बल्कि उनके पास वक्त का अभाव था। दूसरी ओर निर्देशक प्रभुदेवा अपनी फिल्म को और लेट नहीं करके जल्द पूरा करना चाहते थे। चूंकि कृति दूसरी फिल्मों में बिजी थीं, सो इस किरदार के लिए मुझसे संपर्क किया गया और मैंने इसे लपक लिया।
अक्षय कुमार के साथ काम करके क्या कुछ सीखा?
अक्षय कुमार तो खिलाडिय़ों के खिलाड़ी हैं। उनसे सीखने को बहुत कुछ है और इस फिल्म में काम करने के दौरान उनसे काफी कुछ सीखा भी। सच कहूं, तो उनके साथ काम करने के बाद से मुझमें भी ‘लेडी खिलाड़ी’ बनने की चाहत जाग गई है। अक्षय की सबसे बड़ी खासियत मार्शल आर्ट में उनका अद्भुत कौशल है। उनके नक्शे कदम पर चलते हुए मैंने भी मार्शल आर्ट और किकबॉक्सिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है।
अब आप अभिषेक बच्चन की हीरोइन भी बन गईं?
जी हां, बॉलीवुड के जानेमाने फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला की ‘हाउसफुल’ सीरीज के तीसरे संस्करण के लिए तीन फीमेल एक्ट्रेसेस में मेरा नाम भी शामिल है। फिल्म में मेरे अलावा जैकलीन फर्नांडिस और एली अवराम भी नजर आएंगी। फिल्म में मेल लीड में अक्षय कुमार, रितेश देशमुख और अभिषेक बच्चन होंगे। फिल्म में अक्षय के अपोजिट जैकलीन फर्नांडीस, रितेश देशमुख संग एली अवराम रोमांस करती नजर आएंगी, जबकि अभिषेक बच्चन के साथ मेरी जोड़ी बनाई गई है।
हिंदी आपके लिए नई भाषा है, लेकिन बॉलीवुड में टिके रहने के लिए इस पर कमांड जरूरी है। इसके लिए क्या कर रही हैं?
ट्यूटर की मदद से हिंदी सीख रही हूं। मुझे मालूम है कि अगर आपका हिंदी पर कमांड नहीं है, तो बॉलीवुड में काफी दिक्कतें होती हैं। इसलिए मैं हिंदी पर बहुत ज्यादा मेहनत कर रही हूं। आम बोलचाल के दौरान ज्यादा से ज्यादा कोशिश हिंदी में बात करने की होती है। काफी हद तक हिंदी सीख चुकी हूं। क्या आपको ऐसा नहीं लगता!
पहली फिल्म के हीरो प्रतीक बब्बर के साथ ही आपकी रिलेशनशिप बन गई। क्या कहेंगी?
मेरी डेब्यू हिंदी फिल्म के हीरो प्रतीक बब्बर थे और ऑनस्क्रीन हम दोनों में बेहतर सामंजस्य दिखना जरूरी था। चूंकि प्रतीक मुंबई के थे, हमउम्र थे, सो उनसे कंफर्ट लेवल स्वाभाविक तौर पर बढ़ गया। मैं मुंबई के लिए और मुंबई मुझसे अंजान था। प्रतीक की दोस्ती हुई, तो मुंबई को जानने का मौका मिला। हमारी इस दोस्ती को ही मीडिया ने अफेयर बना दिया, जबकि ऐसा कुछ था ही नहीं। फिलहाल रोमांस के लिए नो चांस।