चंडीगढ़ : विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान प्राप्त पत्रिक “ नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स” में पंजाब विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो. प्रिंस शर्मा की टीम द्वारा हुए शोध कार्य को श्रीर्ष स्थान प्राप्त हुआ I प्रो. प्रिंस शर्मा के अनुसार उनका यह शोधपत्र रिवर्स वैक्सिनोलोजी पर उनकी टीम प्रो. नीना कपलाश (वर्तमान में वुमन डीएसडब्ल्यू पंजाब विश्विविद्यालय) एवं डॉ रविन्द्र सिंह द्वारा द्वारा किये गए शोध कार्य पर प्रकाशित हुआ है जिसे विश्वभर में बहुत सराहा गया है। पत्रिका द्वारा बताया गया उनका यह शोधपत्र 2017 में छपे शोधपत्रों में शीर्ष 100 में शामिल हुआ है। ज्ञात हो की वर्ष भर में “नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स” द्वारा कड़े माप डंडों को आधार बना कर विश्व भर से 2000 से अधिक शोधपत्रों को प्रकाशित किया, ऐसे में प्रो. प्रिंस शर्मा द्वारा किये गए शोध कार्य को शीर्ष स्थान प्राप्त होना देश के साथ साथ पंजाब विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
इस शोध कार्य को प्रो. प्रिंस शर्मा एवं प्रो. नीना कपलाश के शोध छात्र डॉ रविन्द्र सिंह ने कई सालों के अथक अनवरत प्रयास के बाद हांसिल किया।
प्रो. शर्मा ने बताया वर्तमान समय में कई बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक्स पर बेअसर साबित होती जा रही है जिसके कारण इनके द्वरा होने वाली बीमारियाँ अक्सर लाईलाज है। ऐसे में इनके विरूद्ध वैक्सिन बनाना एक सार्थक विकल्प है। डॉ रविंदर सिंह ने बताया उन्होंने अपने शोध कार्य में “एसीनिटोबैक्टर बोमिनाई” नामक बैक्टीरिया जो की अस्पतालों में निम्न रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों में निमोनिया , रक्तसंक्रमण , मूत्र पथ संक्रमण , जले हुए घावों में संक्रमण इत्यादि रोग उत्पन्न करता है के विरूद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने के लिए रिवर्स वैक्सिनोलोजी तकनीक के माध्यम से BamA नामक प्रोटीन के वैक्सिन बन सकने के सामर्थ्य को खोजा है। उनके इसी कार्य को सम्मानित करते हुवे पत्रिका ने उनके शोधपत्र को शीर्ष 100 में स्थान प्रदान किया है।
प्रो. प्रिंस शर्मा को इसी कार्य के लिए अप्रैल 2016 नीदरलैंड की एक प्रतिष्टित विज्ञान सम्मलेन में सम्मानित किया जा चुका है। प्रो. शर्मा एवं उनकी पूरी टीम को उनकी इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सभी सदस्यों ने बधाई दी।