आज गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी की टीचिंग और नॉन टीचिंग यूनियन के प्रधानों व सेक्रेटरी ने बैठक की। ये बैठक विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों कि परीक्षा करवाने के निर्णय के बारे में थी। दोनों प्रधानों ने यह बताया कि विश्वविद्यालय में 70% विद्यार्थी बाहरी जिलों के हैं, और उसमें 50% छात्राएं हैं। हरियाणा में न केवल करोना का प्रभाव अपने प्रचंड रूप की ओर अग्रसर है बल्कि गर्मी का पारा भी 48 डिग्री के करीब है। ऐसी स्थिति में अपनी 5-6 परीक्षाएं देने के लिए विद्यार्थी किस प्रकार यात्राएं करेंगे जबकि सरकार के निर्णय के अनुसार हॉस्टल भी बंद हैं और यातायात सेवाएं भी सुचारू रूप से नहीं चल रही।दिन प्रतिदिन कोरोना के केसेस बढ़ रहे हैं और दुगने होने की रफ्तार 5 दिन के करीब आ चुकी है। ऐसी स्थिति में परीक्षा करवाना विद्यार्थियों शिक्षकों व उनके परिवारों की ज़िंदगियों को दाओं पर लगाने के बराबर है। ज़मीनी तौर पर, परीक्षा के दौरान हम लोगों की करोना से हिफाज़त नहीं कर सकते। दोनों प्रधानों ने बताया कि कुलपति महोदय ने अपने वातानुकूलित कमरे में बैठ कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीन डायरेक्टर और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग कर के निर्णय ले लिया, परन्तु इस निर्णय से प्रभावित होने वाले निचले कर्मचारियों व विद्यार्थियों और उनके परिवारों में से किसी की भी राय लेना जरूरी नहीं समझा। दोनों प्रधानों ने कुलपति पर आरोप लगाया कि करोना महामारी के समय इस तरह के गंभीर फैसले लेते समय दोनों प्रधान को कमेटी के सदस्यों की तरह सम्मिलित क्यों नहीं किया गया?विश्ववि्यालय के इस निर्णय के कारण शिक्षक, गैर शिक्षक, अनुमोदित शिक्षक और विद्यार्थियों व इन सब के परिवारों में भारी रोष है।उपर्युक्त विषय के बारे में बातचीत करने के लिए जब दोनों प्रधान ने समय मांगा, तो पहले तो कुलपति महोदय ने मना कर दिया, फिर वीडियो कोनफ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग करने का कल ग्यारह बजे का समय दिया।
दोनों प्रधानों ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि, कुलपति महोदय ने जब से करोना महामारी चालू हुई है, खुद को अपने किले रूपी आवास में कैद कर रखा है, और अपने चहेते कुछ चंद व्यक्तियों से ही मुलाकात करते हैं और बाकि सभी को अपनी सुहुलियत के हिसाब से मना कर देते हैं। दोनों प्रधानों ने कुलपति को चेताया कि वे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की जान को इतना सस्ता ना समझें कि वे खुद तो अपने आवास से भी बाहर नहीं निकलते और विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों को ऑफिसों में बुला रखा है। उन बेचारे कर्मचारियों को जो ऐसी स्थिति में भी कार्य कर रहे हैं, उनपर धोंस जमाने के लिए वीसी साहब तूफानी दौरा करके फिर अपने किला रूपी आवास में चले जाते हैं।दोनों प्रधानों ने उपर्युक्त विषय व काफी समय से चल रहे विश्ववद्यालय में चल रही घोर अनियमितताओं पर बात करने के लिए कुलपति से कल 11 बजे तक आमने सामने मुलाकात का समय मांगा है।
गौरतलब है कि कुलपति महोदय विश्ववद्यालय के सभी नियम कायदों को ताक पर रख कर अपने चहेतों को डीन डायरेक्टर बना देते हैं। कंप्यूटर साइंस विभाग में चेयरमैन की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है। हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस में नियमों के तहत डीन और डायरेक्टर एक ही व्यक्ति को बनना था परंतु वीसी साहब ने अपनी सहूलियत के अनुसार सीनियरिटी लिस्ट को फाइनल किए बिना दोनों पद को दो प्रोफेसरों में बांट दिया है। अगर प्रोफेसर शबनम को सीनियर माना जाए तो अगला नंबर प्रोफेसर महेश गर्ग का आता है और प्रोफेसर कर्मपाल नरवाल का नंबर उनके बाद आता है। तो फिर किस आधार पर प्रोफेसर कर्मपाल को डायरेक्टर बनाया गया?अगर प्रोफेसर कर्मपाल को ही सीनिर माना जाए तो फिर डीन का चार्ज भी उन्हें क्यों नहीं दिया गया?पर्यावरण विभाग में प्रोफेसर आर भास्कर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कुलपति महोदय ने प्रोफेसर प्रवीण शर्मा डीन फैकल्टी आफ एनवायरमेंट सायंस ऐन्ड नैनोटेक्नोलॉजी को चेयरमैन का कार्यभार दे दिया जबकि प्रोफेसर मुकुल बिश्नोई को चेयरमैन बनाया जाना था। यह भी नोट करने लायक है कि इस विभाग में किसी प्रकार का सीनियरिटी को लेकर कोई विवाद भी नहीं है परंतु कुलपति महोदय ने अपनी सुहूलियत को देखते हुए डीन को चेयरमैन का चार्ज दे दिया।
कुलपति महोदय इस प्रकार नियम और कायदों की धज्जियां उड़ा कर अपनी मनमानी चलाकर विश्वविद्यालय में आपसी भाईचारे को खराब करना चाहते हैं। यही बात गैर शिक्षक संघ के प्रधान ने भी कही कि गैर शिक्षक कर्मचारियों में भी कुलपति महोदय सभी नियमों को साइड में रख कर अपने चाहेतों को या दबाव में आकर पदोन्नति प्रदान कर रहे हैं। दोनों प्रधानों ने कुलपति को चेताया कि इस तरह विश्वविद्यालय के नियम और कायदों से खिलवाड़ और भाईचारे को तोड़ने की कुलपति की कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगे। परीक्षा के संबंध में हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन की जनरल सेक्टरी डॉ शर्मिला जी से भी बातचीत की गई। उन्होंने भी अपना निर्णय स्पष्ट करते हुए अपनी सहमति जताई और कहा कि वह भी कुलपति महोदय को हिसार के सभी कॉलेजेस के तरफ से इस संदर्भ में ज्ञापन ईमेल करेंगी। इस मौके पर गजूटा के कार्यवाहक प्रधान डॉ ऋषि पाल व गैर शिक्षक संघ के प्रधान विकास पंघाल, गजूटा के कार्यवाहक सेक्रेटरी श्री विनोद गोयल मौजूद थे।