पूरे देश में ही नहीं दुनिया में भारतीय सेना के जिस सर्जिकल ऑपरेशन के चर्चे हैं वह सर्जिकल ऑपरेशन आखिर हुआ कैसे? इस ऑपरेशन को अंजाम देना आसान नहीं था। सर्जिकल स्ट्राइक में सेना के पास गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती क्योंकि तब सेना दूसरे देश की सीमा के भीतर होती है। जानते हैं कि कैसे इस पूरे ऑपरेशन की भूमिका बनी और कैसे इसे अंजाम दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के कोझीकोड में जब ये बयान दिया था तभी साफ हो गया था कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में जल्द ही भारत उड़ी हमले का बदला लेकर अपने शहीद 18 जवानों की शहादत को सलाम करेगा। गुरुवार सुबह दस बजे के करीब राजधानी दिल्ली के 7 लोककल्याण मार्ग स्थित पीएम आवास पर देश की सुरक्षा से जुडे मामलों पर फैसला करने वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई। इसके बाद विदेश और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमें देश को एलओसी पर आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी गई।
29 सितंबर की रात ढाई बजे भारतीय सेना के कमांडो भारत-पाक सीमा पर स्थित नियंत्रण रेखा पार कर पाक के कब्जे वाले कश्मीर में पहुंच गए। भारतीय जवान पीओके के केल, भिबंर, लीपा और हा़ट स्प्रिंग इलाकों में गए और फिर वह किया जिसका देश को लंबे समय से इंतजार था। सेना के इन जांबाज कमांडो ने आतंकवादियों के पांच से छह लॉन्च पैड को अपना निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना पीओके में 2 किलोमीटर अंदर तक गई थी। सूत्रों के मुताबिक इन हमलों में तीन दर्जन से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। भारत की ओर से हमला होने के बाद दो पाकिस्तानी सैनिक लॉन्च पैड की सुरक्षा में जुट गए थे, लेकिन हमले में वे भी मारे गए। करीब चार घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद सेना वापस आ गई। और इसी के साथ उड़ी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला सेना ने आतंकियों को ढेर कर के लिया है।
वैसे उड़ी हमले के बाद ही सेना ने अपने मंसूबे साफ कर दिए थे और अब इसे पूरा कर दिया। ये पहली बार है जब सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल पार की। सेना पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में घुसी और कई आतंकी कैंपो को तबाह कर दिया। दरअसल सेना को बुधवार को बहुत ही भरोसेमंद और पक्की जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकी एलओसी के साथ लॉन्च पैड्स के अंदर इकट्ठा हुए हैं। यह खबर मिलने के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक किए। भारत ने पाकिस्तान के डीजीएमओ को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी दी थी।