मदन गुप्ता सपाटू ,ज्योतिर्विद् : श्रावण मास इस बार 29 दिनों का है। विशेष बात यह है कि सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म होगा।26 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है. बहुत से लोग सावन या श्रावण के महीने में आने वाले पहले सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआत करते हैं. सावन महीने की एक बात और खास है कि इस महीने में मंगलवार का व्रत भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के लिए किया जाता है. श्रावण के महीने में किए जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है.
हिन्दू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है. इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. विवाहित औरतें यदि श्रावन महीने का सोमवार व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं.
बहुत से लोग सावन या श्रावण के महीने में आने वाले पहले सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआत करते हैं. सावन महीने की एक बात और खास है कि इस महीने में मंगलवार का व्रत भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के लिए किया जाता है. श्रावण के महीने में किए जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है.
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इस साल श्रावण महीने की शुरुआत 27 जुलाई से हो रही है. लेकिन इसे उदया तिथि यानी 28 जुलाई से मानी जाएगी. 26 अगस्त को श्रावण मास का आखिरी दिन होगा. 26 अगस्त को सोमवार है.
कितने सोमवार:
इस साल श्रावण मास में 4 सोमवार पड़ेंगे. अगर आप सावन के महीने में सोमवार व्रत रखते हैं तो इस साल आपको सिर्फ चार ही व्रत रखने होंगे.
महत्वपूर्ण तिथियां:
27 जुलाई को गुरुपूर्णिमा मनाई जायेगी।
27/28. सूर्य ग्रहण- भारत में अदृश्य
28 जुलाई 2018: श्रावण मास शुरू, पहला दिन
30 जुलाई 2018: सावन का पहला सोमवार व्रत
06 अगस्त 2018: सावन सोमवार व्रत
11 अगस्त 2018: हरियाली अमावस्या
13 अगस्त 2018: सावन सोमवार व्रत और हरियाली तीज
20 अगस्त 2018: सावन सोमवार व्रत
26 अगस्त 2018: सावन माह का अंतिम दिन
सावन के महीने में भक्त तीन प्रकार के व्रत रखते हैं.
- सावन सोमवार व्रत
- सोलह सोमवार व्रत
- प्रदोष व्रत
श्रावण महीने में सोमवार को जो व्रत रखा जाता है, उसे सावन का सोमवार व्रत कहते हैं. वहीं सावन के पहले सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं और प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के प्रदोष के दिन किया जाता है.
व्रत और पूजन विधि
– सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
– पूजा स्थान की सफाई करें.
– आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
– भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें.
– दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें.
– भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
– ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं.
– सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं.
– पूजा का प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें.
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सावन के सोमवार को खरीदें इनमें से कोई भी एक चीज, होगा भाग्य उदय
- भस्म: पहले सोमवार को या किसी भी सावन के सोमवार को शिव मूर्ति के साथ यदि भस्म रखते हैं तो शिव कृपा मिलेगी.
- रुद्राक्ष: ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. इसलिए यदि आप इसे सावन के सोमवार को घर में लाते हैं और घर के मुखिया के कमरे में रखते हैं तो भगवान शिव ना केवल रुके हुए काम को पूरा करते हैं, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी होता है. इससे प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है.
- गंगा जल: भगवान शंकर ने गंगा मां को अपनी जटा में स्थान दिया था. इसलिए यदि आप सावन के सोमवार को गंगाजल लाकर घर की किचन में रखते हैं तो घर में सम्पन्नता बढ़ेगी और तरक्की व सफलता मिलती है.
- चांदी या तांबे का त्रिशूूल: घर के हॉल में चांदी या तांबे का त्रिशूूल स्थापित करके आप घर की सारी नेेगेटिव एनर्जी खत्म कर सकते हैं. इस बार सावन में इसे जरूर लाएं.
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- चांदी या तांबे का नाग: नाग को भगवान शिव का अभिन्न अंग माना जाता है. घर के मेन गेट के नीचे नाग-नागिन के जोड़े को दबाने से रुके हुए काम पूरे होते हैं.
- डमरू: घर में डमरू रखने से नेगेटिव एनर्जी का असर नहीं होता. खासतौर से यदि आप इसे बच्चों के कमरे में रखें तो ज्यादा अच्छा होगा. बच्चे किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से बचे रहेंगे और उन्हें हर काम में सफलता भी प्राप्त होती है.
- जल से भरा तांबे का लोटा: घर के जिस हिस्से में परिवार सबसे ज्यादा रहता है, वहां एक तांबे के लोटे में जल भरकर रख दें. इससे घर के लोगों के बीच प्रेम और विश्वास बना रहेगा. ध्यान रखें कि समय-समय पर उस पानी को बदलते रहें. उस पानी को ऐसे ही जाया ना करें, उसे किसी पेड़ या पौधे में डाल दें.
- चांदी के नंदी: जिस प्रकार घर में चांदी की गाय रखने का महत्व है उसी प्रकार चांदी के नंदी घर में रखने का भी खास महत्व है. अपनी तिजारी या अलमारी में जहां आप पैसे या गहने रखते हैं, वहां चांदी के नंदी रखें. इससे आपको धन लाभ होगा और आपकी आर्थिक सम्पन्नता बढ़ेगी.