सुरेश आर्य भट्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय एवं संयोजक(राष्ट्रीय किसान आंदोलन ) : अखिल भारतीय हरित क्रांति सेना .. किसानो की हमेशा हितैसी रही है और रहेगी किसानो और कृषि के लिए हम बड़े से बड़ा बलिदान तक दे सकते है ! भारत कृषि परधान देश है लेकिन भारत की कृषि की और किसानो की अभी तक सुध लेने वाला नहीं है !
आज हमारे देश में कृषि क्षेत्र में बहुत कुछ कार्य करने की आवश्यकता है बहुत कुछ सुधार करने की जरुरत है बहुत कुछ योजनाएं बनाने की जरुरत है हर किसान को अपना बीज अपनी खाद अपने बीज का अपना स्वाद के आधार पर और कृषि के साथ भारतीय नशल की गौ पालन की योजना बनाने की आवश्यकता है अगर आज हम कृषि क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सके हमें डर है की , कही ऐसा न हो हम दूसरे उद्योग और तकनीक पाने के चक्कर में पहले से भी और पिछड़ कर रह जाएँ पिछले लगभग २० साल से भी ऊपर कृषि मंत्रालय में राज करने वाले शरद पंवार ने केवल और केवल अपनी जेब भरी है और शुगर मिलों की मल्कियत पर कब्ज़ा किया है जिसके पास सबसे पहले केवल एक ही शुगर मिल थी लेकिन आज २५ शुगर मीलों में उन्ही की चलती है !
सरद पंवार चाहे जब मर्जी गन्ने का मूल्य काम कर दें जब चाहे चीनी का मूल्य बढ़ा दे और तो और भारत में चाहे चीनी की पूर्ति न भी हो तब भी पंवार साहिब ऐसी अवस्था में चीनी को एक्सपोर्ट कर सकते थे और अगर कमी हो गयी तो घटिया कवलिटी की चीनी इम्पोर्ट भी हो जाती थी हो लगता है ! आज भी वही पॉलिसी सरकार को पसंद है ,तभी तो भारतीय किसानो द्वारा महेनत से उगाया गया प्याज पुणे में गाल और सड गया लेकिन विदेश से प्याज खरीदने में केन्देर सरकार ने बहुत बहादुरी दिखाई ! केन्दर सरकार की अपनी जिम्मेदारी बनती है देश के किस हिस्से में कौन सा उत्पादन कितना मीट्रिक टन हुआ है भारत में कुल खपत कितनी है ये सब जानने के बाद ही इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का निर्णय लेना चाहिए !
जितना रुझान भारत के परधान मंत्री मोदी जी को आज दूसरी इंडस्ट्री की और है होना चाहिए अच्छी बात है पर कृषि और कृषक को रोंध कर कोई भी योजना अधिक फलदायी नहीं हो सकती !अगर स्वदेशी अपनाने की और एक अच्छा अहम कदम मोदी जी उठा लेते है तो स्वदेशी ही भारत में नवजीवन की चेतना भर सकता है एक अकेला अमर बलिदानी राजीव दिक्सित ऐसा महापुरुष था जो बिना किसी पद के बिना किसी पावर के करोड़ों लोगों को जीना सीखा गया अगर हमारे परधान मंत्री मोदी जी १० प्रतिशत भी उसके जीवन के सूत्र को अपना लें वो दिन दूर नहीं भारत फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है ! ये देश के प्रधान मंत्री मोदी जी को अखिल भारतीय हरित क्रांति सेना की और से खुला पात्र है