प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कलाम का निधन पूरे देश के लिए और दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय के लिए दु:ख की खबर है। उन्होंने कहा कि देश ने एक बहुमूल्य रत्न खो दिया है। उन्होंने कहा, ‘एक राष्ट्रपति के तौर पर उनका काम, उनका जीवन प्रकाशपुंज था।
एक वैज्ञानिक के रूप में वे भारत को नई ऊंचाइयों पर लेकर गए। उनका मकसद हमेशा भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं को जोड़कर देश को आत्मनिर्भर बनाना था। प्रधानमंत्री डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को अपना मार्गदर्शक मानते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कलाम पूरे देश, खासकर युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बहुत सारे विचारों का असर प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर देखा जा सकता है।
कलाम की ही तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऊर्जा का स्रोत भी युवा हैं।
युवाओं से बातें करना और उनके साथ अपने विचार बांटना दोनों को अच्छा लगता है।अगर प्रधानमंत्री की विभिन्न नीतियों पर गौर करें तो उन पर कलाम का असर साफ देखा जा सकता है।
डॉ कलाम ने देश को विकसित देशों की कतार में खड़े होने के लिए विज़न 2020 दिया था, और प्रधानमंत्री मोदी भी ऐसे ही विजन पर काम कर रहे हैँ। डिजिटल इंडिया का सपना भी दोनों का साझा सपना है।
डॉ कलाम कहा करते थे कि देश को विश्व में प्रतिष्ठा हासिल करनी है तो पहले उसे आत्मनिर्भर होना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम इसी विचार को प्रतिध्वनित करते हैं।रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हो या गांवों का विकास करना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विज़न डॉ कलाम के विचारों को आगे बढ़ाने वाला है।
एक स्वप्नद्रष्टा राष्ट्रपति के सपनों के भारत को वास्तविकता में बदलना उनको सबसे बेहतर श्रद्धांजली है।देश के युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा कहा करते थे कि किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके युवाओं के कंधे पर टिका होता है।
उन्होंने हमेशा युवाओं को प्रेरित करने का काम किया। ऐसे में डॉ कलाम के निधन से युवाओं को भी काफी दुख पहुंचा है। उन्होंने डॉ कलाम को अपने अपने शब्दों में याद किया।